Thursday, January 18, 2024

थेसलनीकियों के नाम संत पौलुस का पहला पत्र, अध्याय - 3 | हिंदी बाइबिल पाठ - First Letter of St. Paul to Thessalonians, Chapter - 3 | Hindi Bible Reading

                          


थेसलनीकियों के नाम संत पौलुस का पहला पत्र

अध्याय - 3


तिमथी का प्रेषण

1) अन्त में हम से नहीं रहा गया। हमने अकेले आथेंस में रहने का
2) और अपने भाई तथा मसीह के सुसमाचार के प्रचार में ईश्वर के सहयोगी तिमथी को इसलिए भेजने का निश्चय किया कि वह आप को ढारस बंधाये और विश्वास में दृढ़ बनायें रखें,
3) जिससे कोई भी इन विपत्तियों के कारण विचलित न हो। आप लोग जानते हैं कि यही हमारे भाग्य में है।
4) आपके यहाँ रहते समय हम आप से कहा करते थे कि विपत्तियाँ हम पर आ पड़ेगी और जैसा कि आप जानते हैं, हुआ भी वही।
5) इसलिए जब हम से नहीं रहा गया, तो आप लोगों के विश्वास का समाचार जानने के लिए हमने उनको आपके यहाँ भेजा, क्योंकि हम डरते थे कि कहीं शैतान ने आप को लुभाया हो और हमारा परिश्रम व्यर्थ हो गया हो।
6) तिमथी अभी-अभी आप लोगों के यहाँ से लौटे और आपके विश्वास तथा प्रेम के विषय में अच्छा समाचार लाये। वह हमें बताते हैं कि आप सदा हम को प्रेम से याद करते हैं और हमें फिर देखने के लिए उतने ही उत्सुक हैं, जितने हम आप लोगों को दखने के लिए।
7) भाइयो! हमें अपने सब कष्टों और संकटों में आप लोगों के विश्वास से सान्त्वना मिली है।
8) यह जान कर हम में अब नये जीवन का संचार हुआ है कि आप प्रभु में दृढ़ बने हुए हैं।
9) आपने हमें प्रभु के सामने कितना आनन्द प्रदान किया है! हम आप लोगों के विषय में ईश्वर को पर्याप्त धन्यवाद कैसे दे सकते हैं?
10) हम दिन-रात आग्रह के साथ ईश्वर से यह प्रार्थना करते रहते हैं कि हम आप को दुबारा देख सकें और आपके विश्वास में जो कमी रह गयी है, उसे पूरा कर सकें।
11) हमारा पिता ईश्वर और हमारे प्रभु ईसा हमारे लिए आपके पास पहुँचने का मार्ग सुगम बनायें।
12) प्रभु ऐसा करें कि जिस तरह हम आप लोगों को प्यार करते हैं, उसी तरह आपका प्रेम एक दूसरे के प्रति और सबों के प्रति बढ़ता और उमड़ता रहे।
13) इस प्रकार वह उस दिन तक अपने हृदयों को हमारे पिता ईश्वर के सामने पवित्र और निर्दोष बनायें रखें, जब हमारे प्रभु ईसा अपने सब सन्तों के साथ आयेंगे।

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