Sunday, October 2, 2022

अक्टूबर महीने की रोज़री माला विनती (जपमाला) | धन्य कुँवारी मरियम, माला की महारानी पर्व का अवसर पर पूरे अक्तूबर माह होने वाली विशेष रोजरी प्रार्थना | हिन्दी पीडीएफ डाउनलोड

खीस्त में मेरे प्रिय भाइयों और बहनों, मैं आशा करता हूँ कि आप सब सकुशल होंगे और परमेश्वर की उपस्थिति में एक आशीषित जीवन जी रहे होंगे।

हमारे ब्लॉग की आज की यह पोस्ट विशेष रूप से अक्टूबर महीने की रोज़री माला के विषय में है। वैसे तो रोज़री माला विनती प्रतिदिन करना जरूरी होता है पर इसका महत्व अक्टूबर महीने में विशेष रूप से बढ़ जाता है। आज की इस पोस्ट में आप जानेंगे कि अक्टूबर महीने में की जाने वाली रोज़री माला का इतिहास क्या है और आप इसे कैसे कर सकते हैं। साथ ही इस पोस्ट के अंत में आप इससे संबंधित पीडीएफ भी पाएंगे।

तो आइए इस बारे में जानते हैं।

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विषयसूची
1) अक्टूबर महीने की रोज़री माला या जपमाला विनती क्या है?
2) जपमाला का कलीसियाई इतिहास एवं इसकी शुरुआत के बारे में जानकारी।
3) जपमाला करने की विधि हिन्दी भाषा में।
4) जपमाला हिन्दी भाषा में ऑनलाइन पढ़ने के लिए (पीडीएफ डाउनलोड लिंक सहित)।

अक्टूबर महीने की रोज़री माला या जपमाला विनती क्या है?


हम सभी रोज़री माला विनती से भली-भाँति अवगत हैं। यह प्रार्थना माता मरियम के द्वारा कलीसिया को प्रदान की गयी है जो कि बहुत ही शक्तिशाली प्रार्थना मानी जाती है। पारंपरिक तौर पर रोज़री माला विनती में प्रभु की प्रार्थना और पवित्र त्रित्व की स्तुति विनती के साथ कुल 150 बार प्रणाम मरियम प्रार्थना पढ़ी जाती थी जिसे कालांतर में तीन भेदों (आनन्द, दुःख और महिमा) और प्रत्येक भेद के पाँच उपभेदों में विभाजित किया गया।

कालांतर में इसमें ज्योति के भेदों को शामिल किया गया और इस प्रकार हम आज चार भेदों में विभाजित रोज़री माला विनती पढ़ते हैं। इसमें हर भेद के लिए सप्ताह के विशेष दिन निर्धारित हैं जिसमें उस भेद के उपभेदों को पढ़ा जाता है और प्रार्थना की जाती है।

यहाँ पढ़ें - क्या है रोज़री माला का इतिहास?
यहाँ पढ़ें - रोज़री माला हिन्दी ऑनलाइन पढ़ें और हिन्दी पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड करें।

अक्टूबर महीने की रोज़री माला विनती को कई पुरोहितों एवं प्रचारकों के द्वारा जपमाला रोज़री भी कहा जाता है। यह हमारे द्वारा अपने दैनिक जीवन में पढ़ी जाने वाली पारंपरिक रोज़री माला विनती से बहुत अलग नहीं है। असल में यह पारंपरिक रोज़री माला विनती ही है जिसे पढ़ने के तरीके में थोड़ा बदलाव हो जाता है। इन बदलावों को हम ‘जपमाला करने की विधि’ शीर्षक में देखेंगे। अभी आइए हम पहले इसका इतिहास जान लेते हैं।

जपमाला का कलीसियाई इतिहास एवं इसकी शुरुआत के बारे में जानकारी।


जिस तरह से हम मई के महीने में माता मरियम के आदर में रोज़री माला विनती करते हैं ठीक उसी तरह माता कलीसिया प्रत्येक वर्ष अक्टूबर महीने को परम पवित्र रोज़री माला को समर्पित महीने के तौर पर मनाती है। यह मुख्य रूप से ‘पवित्र माला की महारानी (आवर लेडी ऑफ द रोज़री)’ पर्व के कारण होता है जो कि प्रतिवर्ष 7 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह धन्य कुँवारी मरियम को उस सुरक्षा के लिए कृतज्ञतापूर्वकं सम्मानित करने के लिए स्थापित किया गया था जो वह विश्वासियों द्वारा माला प्रार्थना के जवाब में देती है।

जपमाला की शुरुआत सोलहवीं शताब्दी में हुई थी। यह पर्व संत पिता पायुस पाँचवें (1504-1572) द्वारा 7 अक्टूबर, 1571 को लेपैंटो की लड़ाई में ईसाई सेनाओं की चमत्कारी जीत की यादगार के रूप में शुरू किया गया था। संत पिता ने 7 अक्टूबर को विजय दिवस के रूप में घोषित किया और इस विजय के लिए हथियारों, तोपों की शक्ति और वहां लड़ने वाले सैनिकों की वीरता से भी अधिक रोज़री माला विनती को जिम्मेदार ठहराया था।

इसके बाद सन् 1573 में संत पिता ग्रेगोरी तेरहवें के द्वारा इस विजय दिवस को रोज़री के पर्व के रूप में मनाने की घोषणा की गयी। सन् 1913 में संत पिता पायुस दसवें ने इस दिवस को रोज़री के पर्व से बदल कर माला की महारानी (आवर लेडी ऑफ द रोज़री) के पर्व के रूप में मनाने की घोषणा की और इसलिए आज हम प्रतिवर्ष 7 अक्टूबर को माला की महारानी (आवर लेडी ऑफ द रोज़री) का पर्व मनाते हैं।

इस पूरे अक्टूबर महीने को रोज़री माला के माह के रूप में घोषित करने और हर दिन रोज़री विनती पढ़ने की परंपरा की शुरुआत का श्रेय संत पिता लियो तेरहवें को जाता है। उनके इस कार्य ने माला के निरंतर उपयोग को प्रोत्साहित करके धन्य माता मरियम के प्रति समर्पण की वृद्धि को दृढ़ता से बढ़ावा दिया।

जपमाला करने की विधि हिन्दी भाषा में।


अक्टूबर महीने की रोज़री माला विनती या जपमाला रोज़री को करने की विधि में थोड़ा अंतर होता है। पारंपरिक रोज़री माला विनती से इतर अक्टूबर महीने की रोज़री माला विनती में निम्नलिखित अंतर होते हैं:-

1) इसमें पारंपरिक रोज़री माला विनती की तरह भेदों के दिन निर्धारित नहीं होते है।
2) पूरे अक्टूबर महीने में हर दिन रोज़री माला के चारों भेदों को उनके पाँचों उपभेदों सहित एक के बाद एक पढ़ा जाता है।
3) अक्टूबर महीने की रोज़री माला विनती में भेदों का क्रम इस प्रकार होता है - आनन्द के भेद, ज्योति के भेद, दुःख के भेद और महिमा के भेद। कृपया इस प्रार्थना को करते समय इस क्रम का विशेष ध्यान रखें। इस क्रम में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।
4) आरंभिक प्रार्थना के बाद आनन्द के भेद से शुरू करके महिमा के भेद तक ऊपर बताये क्रम में प्रार्थना करने के बाद आगे की प्रार्थनाएँ (कुँवारी मरियम की स्तुति विनती आदि) किये जाते हैं और इस प्रार्थना का समापन किया जाता है।

जपमाला हिन्दी भाषा में ऑनलाइन पढ़ने के लिए (पीडीएफ डाउनलोड लिंक सहित)।


अक्टूबर महीने की रोज़री माला विनती (जपमाला)

पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर, आमेन।

आरंभिक प्रार्थना: हे अति पवित्र माला की रानी, तूने फातिमा के तीन बालकों को अपनी माला के द्वारा मिलने वाली कृपा की निधियों को दयापूर्वक प्रकट किया। हमारे हृदयों में इस शक्तिशाली प्रार्थना के प्रति सच्चा और गहरा प्रेम भर दें। माला जपते समय हम अपनी मुक्ति के रहस्यों को याद करते हैं। इन पर ध्यान-मनन करके हम उस मुक्ति के प्रतिफलों से परिपूर्ण हो जाएं और पापियों के मन फिराव तथा संसार की शांति की कृपा प्राप्त करें। तेरे ईश्वरीय पुत्र की इच्छा हो, तो इस माला प्रार्थना के द्वारा जो कुछ तुझसे मांगते हैं, उन्हें हमें प्रदान कर। ईश्वर की पवित्र माता, हम सबके लिए प्रार्थना कर कि हम में से प्रत्येक जो इस माला को जपते हैं, तेरे पुत्र की इच्छा के अनुकूल जी सकें और इस प्रकार अनन्त जीवन का आनन्द प्राप्त कर सकें। आमेन।

प्रेरितों का धर्मसार...

हे पिता हमारे... प्रणाम मरियम (तीन बार)... पिता पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो...

हे मेरे येसु, हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा। सभी आत्माओं को स्वर्ग की ओर ले चल। विशेषकर उन आत्माओं को जिन्हें तेरी दया की अति आवश्यकता है। आमेन।

माला विनती के भेद
(भेद के मतलबों के स्थान पर आप अपने निजी मतलब जोड़ सकते हैं।)

हर भेद के अंत में:-

हे पिता हमारे... प्रणाम मरियम (दस बार)... पिता पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो...
हे मेरे येसु, हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा। सभी आत्माओं को स्वर्ग की ओर ले चल। विशेषकर उन आत्माओं को जिन्हें तेरी दया की अति आवश्यकता है। आमेन।

आनन्द के भेद:
1) गब्रिएल दूत माता मरियम को संदेश देते हैं।
2) माता मरियम एलिजाबेथ से भेंट करती हैं।
3) प्रभु येसु का जन्म होता है।
4) प्रभु येसु मंदिर में चढ़ाए जाते हैं।
5) प्रभु येसु मंदिर में पाए जाते हैं।

ज्योति के भेद:
1) प्रभु येसु का बपतिस्मा होता है।
2) प्रभु येसु काना नगर में चमत्कार दिखाते हैं।
3) प्रभु येसु ईश्वर के राज्य की घोषणा करते हैं।
4) प्रभु येसु का रूपान्तरण होता है।
5) प्रभु येसु पवित्र परमप्रसाद की स्थापना करते हैं।

दुःख के भेद:
1) बारी में प्रभु येसु की प्राणपीड़ा।
2) प्रभु येसु को कोड़ों से मारा जाता है।
3) प्रभु येसु को सर पर काँटों का मुकुट पहनाया जाता है।
4) प्रभु येसु अपने कंधों पर भारी क्रूस उठाते हैं।
5) प्रभु येसु को क्रूस पर ठोंका जाता है।

महिमा के भेद:
1) प्रभु येसु मुरदों में से जी उठते हैं।
2) प्रभु येसु स्वर्ग में आरोहित होते हैं।
3) पवित्र आत्मा प्रेरितों पर उतरता है।
4) माता मरियम स्वर्ग में उठा रखी जाती हैं।
5) माता मरियम स्वर्ग में रानी का मुकुट पाती हैं।

हम प्रार्थना करें: हे ईश्वर, तेरे एकलौते पुत्र ने अपने जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा हमारे लिए अनन्त जीवन का पुरस्कार अर्जित किया है। तुझसे हमारी प्रार्थना है, तु हमें यह कृपा दे कि धन्य कुँवारी मरियम की अति पवित्र माला के रहस्यों पर ध्यान-मनन करते हुए उनमें जो निहित है उनका अनुकरण करें और वह कृपा प्राप्त करें जिसकी प्रतिज्ञा वे करते हैं। उन्हीं हमारे प्रभु खीस्त के द्वारा। आमेन।

कुँवारी मरियम की स्तुति विनती
प्रभु दया कर    प्रभु दया कर
खीस्त दया कर    प्रभु दया कर
प्रभु दया कर    प्रभु दया कर
खीस्त हमारी सुन खीस्त हमारी विनती पूरी कर
स्वर्ग के पिता ईश्वर हम पर दया कर
पुत्र ईश्वर, दुनिया के मुक्तिदाता
पवित्र आत्मा ईश्वर
 
संत मरियम हमारे लिए प्रार्थना कर
ईश्वर की पवित्र माँ
कुँवारियों की पवित्र कुँवारी
खीस्त की माता
ईश्वरीय कृपा की माता
अति निर्मल माता
अति शुद्ध माता
कुँवारी माता
निष्कलंक माता
प्रिय माता
प्रशंसनीय माता
सुसम्मति की माता
सृष्टिकर्त्ता की माता
मुक्तिदाता की माता
अति चौकस कुँवारी
आदरणीय कुँवारी
स्तुति योग्य कुँवारी
शक्तिमयी कुँवारी
दयालु कुँवारी
धर्मनिष्ठ कुँवारी
हमारे आनंद का मूल
पवित्र आत्मा का मंदिर
आदरणीय पात्र
भक्ति के उत्तम पात्र
आध्यात्मिक गुलाब
दाऊद के गढ़
हस्तिदन्त का गढ़
स्वर्ण मंदिर
संधि की मंजूषा
भोर का तारा
रोगियों का स्वास्थ्य
पापियों की शरण
दुःखियों का दिलासा
खीस्तीयों की सहायता
स्वर्गदूतों की महारानी
धर्मपुरखों की महारानी
नबियों की महारानी
प्रेरितों की महारानी
शहीदों की महारानी
धर्मवीरों की महारानी
संतों की महारानी
आदि पाप रहित उत्पन्न महारानी
स्वर्ग में उद्गृहित महारानी
अति पवित्र माला की महारानी
शांति की महारानी
 

हे ईश्वर के मेमने, जो संसार के पाप हर लेता है,
1) प्रभु हमें क्षमा कर।
2) प्रभु हमारी सुन।
3) हम पर दया कर

हम प्रार्थना करें: हे प्रभु ईश्वर, कृपा करके अपने इन सेवकों को सदा तन मन से स्वस्थ रहने का आनंद प्रदान कर और नित्य कुँवारी मरियम की प्रार्थना द्वारा हम को इस लोक के दुःख से मुक्त होकर अनंत सुख भोगने दे। खीस्त हमारे प्रभु के द्वारा। आमेन।

प्रणाम हे रानी: प्रणाम, हे रानी, दया की माँ, हमारा जीवन, मधुरता और आसरा, तुझे प्रणाम। हम हेवा की निर्वासित संतान तुझे पुकारते हैं। हम इस दुःखपूर्ण संसार में रोते और विलाप करते हुए तेरा नाम लेते हैं। हे हमारी माता, कृपया हम पर दयादृष्टि कर और हमारे इस निर्वासन के बाद, अपने गर्भ के फल येसु को हमें दिखा। हे दयालु, हे प्रेममयी, हे मधुर कुँवारी मरियम!
हे परमेश्वर की पवित्र माँ हमारे लिए प्रार्थना कर कि हम खीस्त की प्रतिज्ञाओं के योग्य बन जाएं।

याद कर विनती: हे परम दयालु कुँवारी मरियम, याद कर कि यह कभी सुनने में नहीं आया कि कोई आपकी मदद माँगने और आपकी विनतियों की सहायता खोजने आपके पास आया और असहाय छोड़ा गया हो। हे कुँवारियों की कुँवारी, हे मेरी माँ, इसी आसरे से ही मैं आपके पास दौड़ आता हूँ, और कराहते हुए पापी के रूप में आपके सामने खड़ा हूँ। हे ईश्वर की पवित्र माँ, मेरी प्रार्थना को अस्वीकार मत कर, पर उसको दया से सुन और पूरा कर। आमेन।

तेरी शरण: तेरी शरण में हम दौड़ आते हैं, हे ईश्वर की पवित्र माँ। हम अपनी जरूरत में जो विनती करते हैं, उसको अस्वीकार मत कर, लेकिन हमको सब जोखिमों से बचा, हे प्रतापी और धन्य कुँवारी मरियम - आमेन।

कुँवारी मरियम के प्रति आत्मसमर्पण: हे अति निष्कलंक और पवित्र कुँवारी, हे मेरी माँ मरियम, मेरे प्रभुं की माँ, आप दुनिया की महारानी, पापियों की बिचवई, आसरा और शरण हैं। मैं आपके पास दौड़ आता हूँ। हे महारानी प्रणाम! आज तक आपने बहुत-सी बातों में मुझपर कृपा की है जितनी बार मैं नरक में गिरने पर था उतनी बार आपने मुझको बचाया है। इस भलाई के लिए मैं आपको धन्यवाद करता हूँ।
मैं आपको प्यार करता हूँ और इसलिए मैं आपकी सेवा में नित्य-प्रति दृढ़ रहने की प्रतिज्ञा करता हूँ। मुझसे जहाँ तक बनेगा, दूसरों को भी आपके प्रेम में लाने की कोशिश करूँगा। येसु मेरे मुक्तिदाता हैं, इनके बाद आप मेरा पूरा भरोसा, आप मेरी मुक्ति का पूरा आसरा हैं। मुझको अपना सेवक बना लीजिए, हे दया की माँ, और मुझे अपनी रक्षा में रख लीजिए। आप ईश्वर के सामने बड़ी शक्तिमती हैं, तो मेरे लिए विनती करके मुझे मरने तक हर प्रलोभन को जीतने का बल दिखाइए, और येसु खीस्त को सच्चे हृदय से प्यार करना मुझे सिखाइए। आपकी विनती द्वारा, मुझे पवित्र मरण का आसरा है। जीवन-भर और विशेष करके मरते घड़ी मेरी सहायता कीजिए। जबतक आप मुझे स्वर्ग में न देखेंगी, तबतक मुझे मत छोड़िए। ऐसा कीजिए कि मैं युग-युग आपका धन्यवाद करूँ और आपकी दया का गुणगान करूँ। आमेन।
पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर। आमेन।



प्रिय भाइयों और बहनों, अक्टूबर के इस महीने में, आइए हम भी इस जपमाला की सुंदर प्रार्थना को एक साधन के रूप में मानते हुए इसे हरदिन पढ़ें और अपने उद्धार के महान रहस्यों पर ध्यान लगाकर प्रभु येसु और माता मरियम के करीब आने का प्रयत्न करें।


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