Friday, September 23, 2022

फिलेमोन के नाम संत पौलुस का पत्र | हिंदी बाइबिल पाठ - Letter of St. Paul to Philemon | Hindi Bible Reading

               


फिलेमोन के नाम संत पौलुस का पत्र



अभिवादन

1 (1-2) हमारे प्रिय भाई और सहयोगी फिलेमोन, हमारी बहन अप्पिया, संघर्ष में हमारे साथी अरखिप्पुस और आपके घर में एकत्र होने वाली कलीसिया के नाम ईसा मसीह के कारण कैदी पौलुस और हमारे भाई तिमथी का पत्र।
3) हमारा पिता ईश्वर और प्रभु ईसा मसीह आप लोगों को अनुग्रह तथा शान्ति प्रदान करें।

धन्यवाद

4) जब-जब मैं अपनी प्रार्थनाओं में आपका स्मरण करता हूँ, तो ईश्वर को सदा धन्यवाद देता हूँ;
5) क्योंकि प्रभु ईसा और सब सन्तों के प्रति आपके प्रेम तथा विश्वास की चर्चा सुनता रहता हूँ।
6) मेरी यह प्रार्थना है कि विश्वास में आपकी सहभागिता सक्रिय हो और आप को यह ज्ञान प्रदान करे कि हम मसीह के लिए कौन-कौन भले काम करने में समर्थ हैं।
7) भाई! मुझे यह जान कर बड़ा आनन्द हुआ और सान्त्वना मिली कि आपने अपने भ्रातृ-प्रेम द्वारा विश्वासियों का हृदय हरा कर दिया है।

ओनेसिमुस के लिए क्षमाप्रार्थना

8) इसलिए, यद्यपि मुझे आप को अपने कर्तव्य का स्मरण दिलाने का पूरा अधिकार है,
9) फिर भी मैं भ्रातृप्रेम के नाम पर आप से प्रार्थना करना अधिक उचित समझता हूँ। मैं पौलुस, जो बूढ़ा हो चला और आजकल ईसा मसीह के कारण कै़दी भी हूँ,
10) ओनेसिमुस के लिए आप से प्रार्थना कर रहा हूँ। वह मेरा पुत्र है, क्योंकि मैं कैद में उसका आध्यात्मिक पिता बन गया हूँ।
11) आप को पहले ओनेसिमुस से कोई विशेष लाभ नहीं हुआ था। अब वह आपके लिए भी ’उपयोगी’ बन गया है और मेरे लिए भी।
12) मैं अपने कलेजे के इस टुकड़े को आपके पास वापस भेज रहा हूँ।
13) मैं जो सुसमाचार के कारण कैदी हूँ, इसे यहाँ अपने पास रखना चाहता था, जिससे यह आपके बदले मेरी सेवा करे।
14) किन्तु आपकी सहमति के बिना मैंने कुछ नहीं करना चाहा, जिससे आप यह उपकार लाचारी से नहीं, बल्कि स्वेच्छा से करें।
15) ओनेसिमुस शायद इसलिए कुछ समय तक आप से ले लिया गया था कि वह आप को सदा के लिए प्राप्त हो,
16) अब दास के रूप में नहीं, बल्कि दास से कहीं, बढ़ कर-अतिप्रिय भाई के रूप में। यह मुझे अत्यन्त प्रिय है और आप को कहीं अधिक -मनुष्य के नाते भी और प्रभु के शिष्य के नाते भी।
17) इसलिए यदि आप मुझे धर्म-भाई समझते हैं, तो इसे उसी तरह अपनायें, जिस तरह मुझे।
18) यदि आप को इस से कोई हानि हुई है या इस पर आपका कुछ कर्ज़ है, तो मेरे खर्चें में लिखें।
19) मैं, पौलुस, अपने हाथ से लिख रहा हूँ-मैं उसे चुका दूँगा। क्या मैं आप को इसका स्मरण दिलाऊँ कि आप पर भी मेरा कुछ कर्ज़ है- आप तो मेरे ही हैं।
20) भाई! प्रभु के नाम पर मुझे आप से कुछ लाभ हो। आप मसीह के कारण मेरा हृदय हरा कर दें।
21) मैं यह जान कर आपकी आज्ञाकारिता पर पूरे भरोसे के साथ लिख रहा हूँ कि मैं जो प्रार्थना कर रहा हूँ, आप उस से भी अधिक करेंगे।

उपसंहार

22) एक बात और। आप मेरे रहने का प्रबन्ध करें, क्योंकि मुझे आशा है कि आपकी प्रार्थनाओं के फलस्वरूप मैं फिर आप लोगों से मिलने आऊँगा।
23) एपाफ़ास, जो ईसा मसीह के कारण मेरे साथ क़ैदी है,
24) और मेरे सहयोगी मारकुस, आरिस्तार्खुस, देमास और लूकस आप को नमस्कार कहते हैं।
25) प्रभु ईसा मसीह की कृपा आप लोगों पर बनी रहे!