Saturday, September 24, 2022

इब्रानियों के नाम पत्र, अध्याय - 4 | हिंदी बाइबिल पाठ - Letter Hebrews, Chapter - 4 | Hindi Bible Reading

                  


इब्रानियों के नाम पत्र

अध्याय - 4


1) ईश्वर के विश्रामस्थान में प्रवेश करने की वह प्रतिज्ञा अब तक कायम है, इसलिए हम सतर्क रहें कि आप लोगों में कोई उस में प्रवेश करने से न रह जाये।
2) हम को उन लोगों की तरह एक मंगलमय समाचार सुनाया गया है। उन लोगों ने जो सन्देश सुना, उन्हें उस से कोई लाभ नहीं हुआ; क्योंकि सुनने वालों में विश्वास का अभाव था।
3) हम विश्वासी बन गये हैं; इसलिए हम उस विश्रामस्थान में प्रवेश करते हैं, जिसके विषय में उसने कहा- मैंने क्रुद्ध होकर यह शपथ खायी: वे मेरे विश्रामस्थान में प्रवेश नहीं करेंगे। ईश्वर का कार्य तो संसार की सृष्टि के समय ही समाप्त हो गया है,
4) क्योंकि धर्मग्रन्थ सातवें दिन के विषय में यह कहता है - ईश्वर ने अपना समस्त कार्य समाप्त कर सातवें दिन विश्राम किया
5) और उपर्युक्त उद्धरण में हम यह पढ़ते हैं - वे मेरे विश्रामस्थान में प्रवेश नहीं करेंगे।
6) यह निश्चित है कि कुछ लोगों को प्रवेश करना है; किन्तु जिन लोगों को पहले वह शुभ समाचार सुनाया गया था, वे अवज्ञा करने के कारण प्रवेश नहीं कर पाये।
7) इसलिए ईश्वर एक दूसरा दिन निर्धारित करता है और वह बहुत वर्षों के बाद दाऊद के मुख से उपर्युक्त शब्द कहता है- ओह! यदि तुम आज उसकी यह वाणी सुनो, अपना हृदय कठोर न कर लो।
8) यदि योशुआ उन्हें विश्रामस्थान में ले गये होते, तो ईश्वर बाद में किसी दूसरे दिन की चर्चा नहीं करता।
9) इसलिए अब भी ईश्वर की प्रजा के लिए एक विश्रामस्थान बना हुआ है।
10) जो उस विश्रामस्थान में प्रवेश कर पाता है, वह अपना कार्य समाप्त कर उसी प्रकार विश्राम करता है, जिस प्रकार ईश्वर ने अपना कार्य समाप्त कर विश्राम किया।
11) इसलिए हम उस विश्रामस्थान में प्रवेश करने का पूरा-पूरा प्रयत्न करें, जिससे कोई भी उन लोगों की अवज्ञा का अनुसरण करता हुआ उस से वंचित न हो।
12) क्योंकि ईश्वर का वचन जीवन्त, सशक्त और किसी भी दुधारी तलवार से तेज है। वह हमारी आत्मा के अन्तरतम तक पहुँचता और हमारे मन के भावों तथा विचारों को प्रकट कर देता है। ईश्वर से कुछ भी छिपा नहीं है।
13) उसकी आँखों के सामने सब कुछ निरावरण और खुला है। हमें उसे लेखा देना पड़ेगा।

नवीन विधान के प्रधानयाजक मसीह

14) हमारे अपने एक महान् प्रधानयाजक हैं, अर्थात् ईश्वर के पुत्र ईसा, जो आकाश पार कर चुके हैं। इसलिए हम अपने विश्वास में सुदृढ़ रहें।
15) हमारे प्रधानयाजक हमारी दुर्बलताओं में हम से सहानुभूति रख सकते हैं, क्योंकि पाप के अतिरिक्त अन्य सभी बातों में उनकी परीक्षा हमारी ही तरह ली गयी है।
16) इसलिए हम भरोसे के साथ अनुग्रह के सिंहासन के पास जायें, जिससे हमें दया मिले और हम वह कृपा प्राप्त करें, जो हमारी आवश्यकताओं में हमारी सहायता करेगी।

इब्रानियों के नाम पत्र - 01-02-03-04-05-06-07-08-09-10-11-12-13