प्रभु येसु के दुखभोग को याद करते हुए की जाने वाली प्रार्थनाओं के समूह में क्रूस का रास्ता प्रार्थना के बाद दिव्य करुणा की प्रार्थना सर्वाधिक प्रचलित प्रार्थना है। इसकी शुरूआत सन् 1935 में संत फोस्तिना द्वारा की गयी थी। उन्हें इस प्रार्थना को करने के लिए प्रभु येसु का दर्शन प्राप्त हुआ था जिसमें उन्हें इस प्रार्थना के दोनों रूप (दैनिक प्रार्थना और नोवेना) प्रभु येसु के द्वारा बताये गये थे। दिव्य करुणा की प्रार्थना सीधे तौर पर प्रभु येसु के दुखभोग के घंटे से जुड़ी होने के कारण “तीन बजे की प्रार्थना” भी कहलाती है। आप इस प्रार्थना के दैनिक प्रारूप को इस पोस्ट में रोज़री माला के साथ करने की विधि सहित ऑनलाइन पढ सकते हैं और इसकी पीडीएफ फाईल पोस्ट के अंत में गूगल ड्राइव और डाॅकड्राॅइड की लिंक के रूप में पा सकते हैं।
Divine Mercy |
दिव्य करुणा की प्रार्थना (करुणा माला विनती) के संदेश और उपासना का इतिहास
सन् 1935 में संत फोस्तिना को परमेश्वर के द्वारा भेजे गये दूत के माध्यम से एक शहर के विषय में दर्शन मिला। दर्शन मिलने के बाद उन्होंने दया के लिए प्रार्थना प्रारंभ की पर उनकी प्रार्थना शक्तिहीन साबित हुई। उसी दौरान उन्होंने पवित्र त्रित्व के दर्शन प्राप्त किए और प्रभु येसु की करुणा की शक्ति को अपने अंदर महसूस किया। उसी समय उन्होंने खुद को परमेश्वर से दया के लिए उन शब्दों में प्रार्थना करते हुए पाया जिन्हें उन्होंने अपने अंतरमन में सुना था।
“हे शाश्वत पिता, मैं अपने और समस्त संसार के पापों के प्रायश्चित के लिए तेरे परम प्रिय पुत्र और हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के शरीर और रक्त, आत्मा और ईश्वरीयता को तुझे चढ़ाती हूँ, उनके दुःखभोग के द्वारा हम पर दया कर। (डायरी, 475)”
अगले दिन जब वे आराधनालय में प्रवेश कर रहीं थीं, उन्होंने प्रभु को दोबारा सुना। इस बार उन्होंने प्रभु की ओर से ‘हम पर दया कर’ के स्थान पर ‘हम पर और सारे संसार पर दया कर’ पढ़ने का संदेश सुना। उस पल से अपने जीवन के अंतिम पल तक संत फोस्तिना इस प्रार्थना को लगातार करती रही।
क्या है करुणा की माला विनती?
प्रभु ने संत फोस्तिना पर अपने अगले प्रकाशनों के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि दिव्य करुणा का जो संदेश उन्हें दिया गया था वह न केवल निजी तौर पर उनके विश्वास में आगे बढ़ने के लिए था बल्कि समूची मानवता के लिए था। यह संदेश संत फोस्तिना को प्रभु ने दिया था और इसे दिव्य करुणा संदेश और भक्ति के नये रूप की शुरुआत के रूप में देखा जा सकता है।
यहाँ यह गौर करने वाली बात है कि दिव्य करुणा का जो संदेश प्रभु ने संत फोस्तिना के माध्यम से हमारी पीढ़ी को दिया है वह वास्तव में सृष्टि के आरंभ से ही विद्यमान रहा है। पिता ईश्वर ने पुराने व्यवस्थान में कई स्थान पर खुद को एक दया के स्रोत के रूप में प्रकट किया है। प्रभु येशु के माध्यम से पिता ईश्वर ने खुद को मानवता पर पूरी तरह से प्रकट कर दिया। हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए उनके दुःखभोग, क्रूस-मरण और पुनरुत्थान ने मानवता के लिए ईश्वरीय करुणा का एक स्थायी मार्ग खोल दिया है। धर्मग्रंथ हमें यह बताता है कि केवल वो व्यक्ति ही धन्य है जिसपर ईश्वर ने करुणा की और उसके पापों को क्षमा कर दिया है।
इस प्रार्थना को प्रतिदिन किसी भी समय किया जा सकता है पर इसे असीम करुणा के घंटे (प्रत्येक दिन, दोपहर तीन बजे) पर किया जाना उचित है क्योंकि प्रभु येसु की क्रूस पर मृत्यु इसी समय हुई थी और उनके दुःखभोग, मृत्यु और पुनरुत्थान ने ही हमारे लिए असीम ईश्वरीय करुणा के द्वार खोले हैं अतः इस प्रार्थना को दोपहर तीन बजे करके हम प्रभु के दुखभोग को याद कर सकते हैं।
नोवेना प्रार्थना के रूप में दिव्य करुणा विनती को करुणा के पर्व से नौ दिन पूर्व आरंभ किया जाता है। पास्का पर्व के बाद का पहला रविवार करुणा के पर्व के रूप में चिन्हित है।
रोज़री माला पर दिव्य करुणा विनती करने की विधि
1) क्रूस का चिन्ह बनायें।
2) रोज़री के क्रूस को पकड़कर यह प्रार्थना बोलें - हे अति मधुर येसु, तूने मानव जाति के उद्धार के लिए सूली पर अपने प्राण त्याग दिये। तेरे क्रूसमरण द्वारा आत्माओं की मुक्ति के लिए जीवन का स्रोत फूट निकला है और तेरे पवित्र हृदय से सारी मानव जाति के लिए दया का सागर उमड़ पड़ा। हे जीवन के स्रोत, अथाह ईश्वरीय दया, सारी दुनिया को अपनी करुणा से ढँक ले और अपना सर्वस्व हमारे लिए अर्पित कर।
3) रोज़री के क्रूस को पकड़कर यह प्रार्थना बोलें - येसु के पावन हृदय से हमारे लिए दया के स्रोत के रूप में बह निकले, हे रक्त और जल, हम तुझ पर भरोसा रखते हैं।
4) पहले बड़े दाने पर - हे पिता हमारे (1 बार)
5) अगले तीन दानों पर - प्रणाम मरिया (प्रत्येक दाने पर बार)
6) अगले बड़े दाने पर - प्रेरितों का धर्मसार
7) रोज़री के भेद पढ़ने के लिए बड़े दाने पर - हे सर्वशक्तिमान पिता/हम अपने और सारे संसार के/पापों के लिए पश्चाताप करते हुए तेरे परम प्रिय पुत्र/हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के/दिव्य शरीर और रक्त/आत्मा और ईश्वरीयता को तुझे चढ़ाते हैं/उनके दुःख-भोग के नाम पर/हम पर और सारे संसार पर दया कर।
8) 10 प्रणाम मरिया के स्थान पर - (अगुवा) हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के दुःख-भोग एवं मृत्यु द्वारा (भक्तजन) हम पर और सारे संसार पर दया कर। (प्रत्येक दाने पर एक बार, कुल 10 बार)
9) हे ईश्वर तू परम पवित्र है सर्वशक्तिमान और अमर है/हम पर और सारे संसार पर दया कर (3 बार) या, हे पावन ईश्वर, हे पावन सर्वशक्तिमान, हे पावन अमर ईश्वर/हम पर और सारे संसार पर दया कर (3 बार)
क्रम 7 से 9 तक की प्रार्थना रोज़री के प्रत्येक भेद के लिए दिए गये दानों के सेट (एक बड़े और 10 छोटे दानों) के साथ दोहरानी है। इस प्रकार क्रम 7 से 9 तक की प्रार्थना कुल पांच बार दोहरायी जायेगी। यदि आप चाहें तो यहां ‘हम पर’ के स्थान पर अपने मतलब शामिल कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए यदि आप अपने पल्ली के लिए प्रार्थना करना चाहें तो क्रम 7 की प्रार्थना इस प्रकार होगी - हे सर्वशक्तिमान पिता/हम अपने और सारे संसार के/पापों के लिए पश्चाताप करते हुए तेरे परम प्रिय पुत्र/हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के/दिव्य शरीर और रक्त/आत्मा और ईश्वरीयता को तुझे चढ़ाते हैं/उनके दुःख-भोग के नाम पर/हमारी पल्ली पर और सारे संसार पर दया कर। इसके आधार पर ही क्रम 8 और 9 में भी ‘हम पर’ के स्थान पर ‘हमारी पल्ली पर’ पढ़ा जाएगा।
10) अंतिम प्रार्थना - हे प्रभु ईश्वर! हमारी रक्षा कर। आपके पुत्र-पुत्रियों पर करुणा कर। हम और हमारे माँ-बाप, भाई-बहने, हमारे अधिकारियों और नेताओं के द्वारा, जो भी पाप, अधर्म और अपराध हुए हैं, उन्हें क्षमा कर दे। हमें दण्ड न दे। हमारे कर्ज़ माफ़ कर दे। हे करुणा सागर प्रभु अपने पावन लहू से, हमें, हमारे परिवारों और हमारी सब वस्तुओं का अभिषेक कर। आप हमें अपना बनाकर, आपके पवित्र आत्मा द्वारा संचालित करें। आमेन।।
नीचे दिए गए चित्र में इस शक्तिशाली प्रार्थना को करने की विधि दी गयी है. किसी प्रकार की शंका की स्थिति में "Contact Us" पेज का प्रयोग अवश्य करें.
How to pray Divine Mercy Prayer (दिव्य करुणा की प्रार्थना कैसे करें) |
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Thanks... God bless you
ReplyDeleteThank you and god bless you
ReplyDeleteईश्वर हमेशा ही तुम्हारे साथ रहे आमेन
ReplyDeleteप्रभु की स्तुति और महिमा अन्तकाल तक होती रहे।
ReplyDeleteThank u so much
ReplyDeletePraise the lord 🙏 thank you Jesus 🙏
ReplyDeleteVai hum mother Mary ko kyu pray karte he .
ReplyDeleteऐसा इसलिए है क्योंकि माता मरियम एक मध्यस्त के रूप में काम करती हैं। वे हमारी प्रार्थनाओं को येशु तक पहुंचाती हैं और येशु उन्हें पूरा करते हैं।
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